जसविंदर भल्ला: पंजाबी हास्य के बादशाह की कहानी - Jaswinder Bhalla, पंजाबी सिनेमा के चमकदार सितारे जसविंदर भल्ला के जीवन के बारे में जानकारी दी है।
पंजाबी सिनेमा के चमकदार सितारे जसविंदर भल्ला का 22 अगस्त 2025 को 65 वर्ष की आयु में निधन हो गया। मोहाली के फोर्टिस अस्पताल में ब्रेन स्ट्रोक के बाद उन्होंने अंतिम सांस ली। 'छंकार्टा' और 'एडवोकेट ढिल्लों' जैसे किरदारों से मशहूर भल्ला ने अपनी हास्य शैली से पंजाबी संस्कृति को जीवंत किया।
प्रारंभिक जीवन और शिक्षा
जसविंदर भल्ला का जन्म 4 मई 1960 को लुधियाना के दोराहा में हुआ। उनके पिता मास्टर बहादुर सिंह भल्ला शिक्षक थे। उन्होंने दोराहा से स्कूली शिक्षा, पंजाब एग्रीकल्चरल यूनिवर्सिटी से बी.एससी., एम.एससी., और मेरठ से पीएचडी पूरी की। पीएयू में प्रोफेसर और हेड के रूप में 31 मई 2020 को रिटायर हुए।
कॉमेडी में प्रवेश
बचपन से कला के शौकीन भल्ला ने 1975 में ऑल इंडिया रेडियो पर परफॉर्म किया। 1988 में 'छंकार्टा 88' ऑडियो कैसेट ने उन्हें स्टार बनाया। 'चाचा छतर सिंह' जैसे किरदारों से उन्होंने सामाजिक मुद्दों पर व्यंग्य किया। 27 से अधिक 'छंकार्टा' एल्बम रिलीज हुए, जिनके डायलॉग जैसे "में तां भंडू बुल्लां नाल अखरोट" मशहूर हुए।
पंजाबी सिनेमा में योगदान
1998 में 'दुल्ला भट्टी' से डेब्यू करने वाले भल्ला की 'माहौल ठीक है' (1999), 'जिन्हे मेरा दिल लुटेया' (2011), 'कैरी ऑन जट्टा' (2012), 'जट्ट एंड जूलियट' (2012), 'रेंजले' (2013), 'कैरी ऑन जट्टा 3' (2023) और 'शिंदा शिंदा नो पापा' (2024) जैसी फिल्में हिट रहीं। उनके स्टेज शो कनाडा और ऑस्ट्रेलिया में लोकप्रिय हुए। उनकी कॉमेडी में सामाजिक मुद्दों पर फोकस रहा, हालांकि 'छंकार्टा 2003' और 'मीठे पोचे' पर विवाद भी हुआ।
परिवार और निजी जीवन
जसविंदर की शादी परमदीप भल्ला से हुई, जो फाइन आर्ट्स टीचर हैं। बेटे पुखराज भल्ला ने फिल्मों में काम किया, बेटी अशप्रीत कौर नॉर्वे में बसी हैं। मार्च 2022 में उनके मोहाली स्थित घर में चोरी हुई थी।
निधन और अंतिम संस्कार
हृदय रोग और डायबिटीज से जूझ रहे भल्ला को 20 अगस्त 2025 को ब्रेन स्ट्रोक के बाद फोर्टिस अस्पताल में भर्ती किया गया। 22 अगस्त को सुबह 4 बजे उनका निधन हुआ। अंतिम संस्कार 23 अगस्त 2025 को मोहाली के बलौंगी श्मशान घाट में दोपहर 12 बजे होगा।
श्रद्धांजलि और विरासत
गिप्पी ग्रेवाल, शिखर धवन और परगट सिंह सहित कई हस्तियों ने उन्हें श्रद्धांजलि दी। प्रशंसकों ने उन्हें "पंजाबी कॉमेडी का युगांत" बताया। जसविंदर भल्ला की हंसी और सामाजिक संदेश पंजाबी सिनेमा में हमेशा जीवित रहेंगे। ओम शांति!
डिस्क्लेमर (Disclaimer)
इस लेख में शैक्षिक उद्देश्य के लिए दी गई जानकारी विभिन्न ऑनलाइन एवं ऑफलाइन स्रोतों से ली गई है जिनकी सटीकता एवं विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। आलेख की जानकारी को पाठक महज सूचना के तहत ही लें क्योंकि इसे आपको केवल जागरूक करने के उद्देश्य से लिखा गया है। इसके अतिरिक्त इसके किसी भी उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता की ही रहेगी।
Tags:
Bollywood