Khatu Shyam Aarti - खाटू श्याम की सबसे प्राचीन आरती, श्याम बाबा की यह आरती श्याम भक्तों द्वारा अपनी भक्ति प्रकट करने के लिए गाई जाती है।

Khatu Shyam Ki Sabse Prachin Aarti

लेख सूची

खाटू श्याम जी की आरती हिंदी लिरिक्स, Khatu Shyam Ji Ki Aarti Hindi Lyrics
खाटू श्याम जी की पूजा घर पर कैसे करें?, Khatu Shyam Ji Ki Poojan Vidhi?

श्याम बाबा की आरती की एक अलग ही महिमा है। सच्चे मन से बाबा श्याम की आरती गाने से मनमाफिक फल की प्राप्ति होती है। जब भी आप श्यामजी की पूजा करें तो यह आरती जरूर गायें।

श्याम बाबा की आरती जिस घर में रोज सुबह और शाम दोनों समय गाई और सुनी जाती है उस घर पर बाबा श्याम का आशीर्वाद बना रहता है। यहाँ ना तो कभी धन दौलत की कमी नहीं होती है और ना ही कोई कष्ट आते हैं।


आगे दी गई आरती संभवतः सबसे पुरानी आरती है। यह प्रामाणिक आरती प्रसिद्ध इतिहासकार पंडित झाबरमल्ल शर्मा ने अपनी किताब "खाटू श्यामजी का इतिहास" में भी संकलित की है।

खाटू श्याम जी की आरती हिंदी लिरिक्स, Khatu Shyam Ji Ki Aarti Hindi Lyrics


ॐ जय श्री श्याम हरे, बाबा जय श्री श्याम हरे,
निज भक्तों के तुमने, पूरण काम करे,
ॐ जय श्री श्याम हरे...

गल पुष्पों की माला, सिर पर मुकुट धरे,
पीत वसन पीताम्बर, कुंडल वर्ण परे,
ॐ जय श्री श्याम हरे...

रतन जड़ित सिंहासन, राजत, सेवक भक्ति करे,
खेवत धूप अग्नि पर, दीपक ज्योति जरे,
ॐ जय श्री श्याम हरे...

मोदक, खीर, चूरमा, सुवरण थाल भरे,
सेवक भोग लगावत, सिर पर चंवर ढरे,
ॐ जय श्री श्याम हरे...

झाँझ, नगारा, घंटा घड़ियल, शंख मृदंग धरे,
भक्त आरती गावे, जय-जयकार करे,
ॐ जय श्री श्याम हरे...

जो ध्यावे फल पावे, सब दुःख से उबरे,
सेवक जन निज मुख से, श्री श्याम-श्याम रट रे,
ॐ जय श्री श्याम हरे...

श्याम बहादुर गुरु हो, तुम हो मात-पिता,
तुम ही भक्त सुत हो, तुम ही हो भ्राता,
ॐ जय श्री श्याम हरे...

नोट: उपरोक्त बाबा श्याम की आरती, प्रसिद्ध इतिहासकार पंडित झाबरमल्ल शर्मा की किताब "खाटू श्यामजी का इतिहास" से ली गई है।

खाटू श्याम जी की पूजा घर पर कैसे करें?, Khatu Shyam Ji Ki Poojan Vidhi?


खाटू श्याम जी को प्रसन्न करने के लिए अपने घर पर नियमित रूप से बाबा श्याम की पूजा करनी चाहिए।

श्याम बाबा की पूजा या प्रार्थना करने के लिए सूर्योदय से पहले उठकर स्नान आदि से निवृत होकर साफ वस्त्र धारण करें।

इसके बाद घर के मंदिर या किसी दूसरी जगह पर श्याम बाबा की प्रतिमा को पंचामृत से स्नान करवाकर स्वच्छ कपड़े पहनाएँ।

अब गंगाजल से साफ की हुई जगह पर श्याम बाबा की चौकी स्थापित करें। पूजा के लिए आरती की थाली में अगरबत्ती, फूल, कपूर, अक्षत, कच्चा दूध, गाय का देसी घी आदि रखें।

इसके बाद प्रतिमा के आगे गाय के देसी घी का दीपक जलाकर पेड़ा, खीर, पंचमेवा आदि का भोग लगाकर श्याम बाबा की आरती करें।

पूजा के आखिर में श्याम बाबा के ग्यारह जयकारे लगायें। श्याम बाबा के 11 जयकारे इस प्रकार हैं-

जय श्री श्याम, श्याम बाबा की जय, श्याम प्यारे की जय, खाटू नरेश की जय, शीश के दानी की जय, अहिलवती के लाल की जय, मोर्वीनन्दन की जय, तीन बाण धारी की जय, लीले के असवार की जय, लखदातार की जय, हारे के सहारे की जय।

इस प्रकार से हम अपने घर पर ही रहकर बाबा श्याम की पूजा कर सकते हैं। सच्चे मन से घर पर की हुई पूजा भी मंदिर जितनी फलदाई होती है।


लेखक

उमा व्यास {एमए (शिक्षा), एमए (लोक प्रशासन), एमए (राजनीति विज्ञान), एमए (इतिहास), बीएड}

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