सभी दुख दूर कर देता है हारे के सहारे का बागा, Baga of Hare Ka Sahara Shyam takes away all sorrows
वैसे तो बाबा श्याम का नाम ही भवसागर को तारने के लिए काफी है। श्याम नाम लेने से हर जगह से निराश और हारा हुआ मनुष्य भी बाबा की कृपा से जीतने लगता है। मनुष्य की निराशा, आशा मे बदलने लगती है और बिगड़ते काम बनने लगते हैं।
बाबा के नाम के साथ एक बाबा से जुड़ी एक और ऐसी चीज है जिसके मिलने से सारे दुख दूर होने लगते हैं। इसे हम बाबा के नाम से भी ज्यादा फलदायक कह सकते हैं।
हम इसे बाबा के नाम से भी ज्यादा फलदायक इसलिए कह रहे हैं क्योंकि यह चीज पूरे वर्ष बाबा से जुड़ी रहती है और बाबा पूरे साल इसे धारण किए रहते हैं।
यह चीज सीमित मात्रा मे होती है और बाबा श्याम से सीधे जुड़ी रहती है इसलिए इसका धार्मिक महत्व बहुत ज्यादा है। इसे पाने की ललक लाखों श्रद्धालुओं के मन मे होती है और जो इसे पा लेता है वह बहुत सौभाग्यशाली समझा जाता है।
देश विदेश मे मौजूद बाबा श्याम के करोड़ों भक्तों मे से कुछ किस्मत वाले भक्त ही इसे ले पाते हैं।
अब आपके दिमाग मे प्रश्न उठ रहा होगा कि बाबा श्याम से जुड़ी इतनी महत्वपूर्ण चीज क्या है?
बाबा खाटू श्याम का बागा क्या होता है?, What is the robe of Baba Khatu Shyam?
हम आपको बताते हैं कि इस चीज का नाम बागा है। यह बाबा श्याम की पोशाक है यानि बाबा खाटू श्याम जो पोशाक धारण करते हैं उसे बागा कहते हैं।
यह बसंती यानि पीले रंग का एक कपड़ा होता है जिसे बाबा श्याम हर समय अन्तः वस्त्र के रूप मे धारण किए रहते हैं। इसकी लंबाई एक या सवा मीटर की होती है।
बागा दो तरह का होता है। पहली तरह के बागा को बाहरी बागा और दूसरी तरह के बाग को अंदरूनी बागा कहते हैं।
बाहरी बागा
बाहरी बागा वो वस्त्र होता है जिसे बाबा श्याम कपड़ों के रूप मे रोजाना धारण करते हैं। आपने देखा होगा कि इसे रोजाना बदल दिया जाता है। यह अलग-अलग रंगों और डिजाइन वाली बाबा शाम की पोशाक होती है।
बाहरी बागा सिर्फ एक कपड़ा ही है और इसका कोई विशेष धार्मिक महत्व नहीं है। इसे सिर्फ बाबा के श्रंगार के लिए काम मे लिया जाता है।
अंदरूनी बागा
अंदरूनी बागा वो वस्त्र होता है जिसे बाबा श्याम अन्तः वस्त्र के रूप मे बाहरी बागा के नीचे धारण करते हैं। यह पीले या बसंती रंग का सादा कपड़ा होता है।
बाहरी बागा की तरह इसे रोज नहीं बदल जाता है। बाबा श्याम इसे बसंत पंचमी के दिन धारण करते हैं और पूरे साल पहने रहते हैं। इस तरह हम देखते हैं कि अंदरूनी बागा को वर्ष मे एक बार बसंत पंचमी के दिन बदला जाता है।
अंदरूनी बागा, बाहरी बागा की तरह महत्वहीन नहीं है। इसका धार्मिक महत्व बहुत ज्यादा है इसलिए इस बागा को बसंत पंचमी के दिन बदलकर इसे छोटे छोटे टुकड़ों मे श्याम भक्तों के बीच बाँट दिया जाता है।
बागा का महत्व, Importance of Baga
बाबा श्याम के बागा का आस्था की दृष्टि से काफी महत्व है। कहते हैं कि बाबा श्याम के इस बागा का एक टुकड़ा भी जिसे मिल जाता है उसकी किस्मत बदल जाती है। ऐसा माना जाता है कि बागा के रूप मे खुद बाबा श्याम उसके पास आ जाते हैं।
भक्तों के लिए बागा को किसी वरदान से कम नहीं समझा जाता है। इससे शादी, संतान प्राप्ति, व्यापार, नौकरी के साथ-साथ जीवन मे सुख शांति आती है और सभी दुख दूर हो जाते हैं।
कैसे पहनाया जाता है बाबा श्याम को बागा?, How is Baba Shyam weared Baga?
बसंत पंचमी को बाबा श्याम का विशेष श्रंगार किया जाता है। इस दिन बाबा के शीश को पंचामृत से नहलाकर अंदरूनी बागा के रूप मे पीले रंग के अन्तः वस्त्र पहनाए जाते हैं।
फिर पीले रंग के फूलों से बाबा का श्रंगार किया जाता है। हारे के सहारे के इस मनमोहक रूप को देखने के लिए श्याम भक्त बेकरार रहते हैं।
श्याम भक्त कैसे धारण करें बागा?, How should a Shyam devotee wear a baga?
जिस भी खुशकिस्मत श्याम भक्त को बागा मिल जाता है तो सबसे पहले उसे इस बागा के टुकड़े को साफ पानी से साफ कर लेना चाहिए।
अगर बागा का टुकड़ा साइज़ मे थोड़ा बड़ा है तो इसे दूसरे श्याम भक्त को बाँट देना चाहिए। कहते हैं कि बागा को जितना बाँटा जाता है बाबा श्याम की कृपा उतनी ही बढ़ती है।
बागा को साफ करने के बाद इसे घर के मंदिर मे रखकर, इसके आगे हाथ जोड़कर इसे अँगूठी, लाकिट, माला आदि मे धारण करके पहन सकते हैं।
ऐसा माना जाता है कि बागा को इस प्रकार धारण करने से, धारण करने वाले व्यक्ति की सभी मनोकामनाएं पूर्ण हो जाती है।
जय श्री श्याम
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